बहराइच ग्राम बौण्डी में भव्यता के साथ मनाया गया बिजली महोत्सव कार्यक्रम उत्सव के मुख्य अतिथि रहे विधायक महसी सुरेश्वर सिंह
बहराइ
च 27 जुलाई। आजादी के अमृत महोत्सव अन्तर्गत बौंडी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में बिजली महोत्सव का आयोजन किया गया। बिजली विभाग की ओर से उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य स्लोगन वाले महोत्सव के मुख्य अतिथि विधायक महसी सुरेश्वर सिंह व विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी रहे। बिजली उत्सव के दौरान सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण, ग्रामीण विद्युतीकरण, वितरण तंत्र का सुदृढ़ीकरण, क्षमता वृद्धि, एक नेशन एक ग्रिड, अक्ष्य ऊर्जा व उपभोक्ता अधिकारों पर प्रोजेक्टर के माध्यम से लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। बिजली विभाग से जुड़े दो नाटकों का अभिनय किया गया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ।
मुख्य अतिथि विधायक सुरेश्वर सिंह ने कहा कि बौंडी के राजा हरदत्त सिंह सवाई व चहलारी नरेश बलभद्र सिंह का जंग-ए-आजादी में अतुलनीय योगदान है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरे देश तक बिजली पहुंचाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में समूचे प्रदेश में गांव-गांव व घर-घर तक बिजली पहुंची। बिजली व्यवस्था में बेहतर परिवर्तन हुआ है। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुचारू आपूर्ति मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने लोगों को समय से बिजली बिल जमा करने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि सरकार में हर घर को बिजली से जोड़ा गया है। मार्च 2020 से आपूर्ति को बढ़ाकर 18 घंटे, 22 घंटे और अब 24 घंटे किया गया है। विधायक ने बिजली विभाग के नोडल अधिकारी से कहा कि बौंडी से बिजली उपकेंद्र दूर है इसलिए बौंडी क्षेत्र में एक उपकेंद्र स्थापित कराएं। बिजली उत्पादन क्षमता 2014 में 2,48,554 मेगावाट से बढ़कर आज 4,00,000 मेगावाट हो गई है, जो हमारी मांग से 1,85,000 मेगावाट ज्यादा है। भारत अब अपने पड़ोसी देशों को बिजली निर्यात कर रहा है। पूरे देश को एक ग्रिड में जोड़ने के लिए 1,63,000 सर्किट किलोमीटर ट्रासमिशन लाइनें जोड़ी गईं, जो एक फ्रीक्वेंसी से संचालित हो रही है। लद्दाख से कन्याकुमारी तक और कच्छ से म्यांमार तक यह दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत ग्रिड के रूप में उभरा है। इस ग्रिड का इस्तेमाल करके हम देश के एक कोने से 1,12,000 मेगावाट बिजली पहुंचा सकते हैं। हमने कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कोप-21) में वचन दिया था कि 2030 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से हमारी उत्पादन क्षमता का 40 फीसदी पहुंच जाएगा। हमने यह लक्ष्य निर्धारित लक्ष्य से 9 साल पहले नवंबर 2021 में ही हासिल कर लिया है।{नसीम खा}
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