बहराइच:स्वास्थ्य शिविर, गोष्ठी और हस्ताक्षर अभियान का आयोजन कर मनाया ’विश्व हृदय दिवस’
टाइम इंडिया न्यूज 11 यूपी बहराइच
बहराइच 29 सितम्बर। जनपद मुख्यालय समेत समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर विश्व हृदय दिवस स्वास्थ्य शिविर, गोष्ठी और हस्ताक्षर अभियान/जागरूकता के साथ मनाया गया। सीएमओ कार्यालय के अचल प्रशिक्षण सभागार में राष्ट्रीय कार्यक्रम एनपी-एनसीडी के तहत स्वास्थ्य शिविर, गोष्ठी हस्ताक्षर अभियान/जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्ष विश्व हृदय दिवस की थीम ‘डोंट मिस ए बीट’ रही।
एनसीडी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ० संदीप मिश्रा ने कार्यक्रम की शुरुआत हस्ताक्षर अभियान से करते हुये कहा कि बिगड़ी दिनचर्या, तनाव, गलत खानपान, प्रदूषण और अन्य कारणों के चलते दिल से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं। छोटी उम्र से लेकर बुजुर्गों तक में यह समस्या आम होती जा रही है। दिल को दुरुस्त रखने के लिए सही खानपान, एक्सरसाइज और तनाव को दूर भगाना सबसे जरूरी है। उन्होंने कहा कि ज्यादातार मौत का कारण हार्ट की समस्याएं ही है। दिल सेहतमंद रहे इसके लिए नियमित व्यायाम करें तनाव कम लें धूम्रपान से दूर रहें अच्छा खाना और संतुलित खाना खाएं अनुशासन की जिंदगी जिये। अगर आप दिल की बीमारी से बचना चाहते हैं तो अभी से अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना शुरु कर दीजिए। उन्होंने आगे कहा कि आप लोग वजन को न बढ़ने दे रक्तचाप को नियंत्रित बनाए रहे। ज्यादा नमक का सेवन न करे। कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण रखें और फास्ट फूड का त्याग करे।
एचईओ जुगल किशोर चौबे ने कहा कि हृदय की बीमारी का इलाज बचाव है और बचाव का सबसे सरल तरीका लाइफ स्टाइल में सही बदलाव है। एक जगह लगातार छह घंटे तक बैठना हृदय रोग का कारण बन सकता है, यह सिगरेट की डिब्बी पीने के बराबर है। हृदय रोग पूरे विश्व में एक गंभीर बीमारी है। उचित दिनचर्या और नियमित जांच कराने से हृदय रोगों से बचा जा सकता है। एफएलसी विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि तनाव दिल का सबसे बड़ा दुश्मन है। आज की भागदौड़ वाली जीवन शैली में लोगों में तनाव ज्यादा बढ़ गया है इसलिए इस बीमारी से पूरी तरह बचना तो मुश्किल है लेकिन जहां तक संभव हो इससे दूरी बनाए रखें। तनाव के कारण मस्तिष्क से जो रसायन स्रावित होते हैं वे हृदय की पूरी प्रणाली खराब कर देते हैं।
डीएचआईओ बृजेश सिंह ने कहा कि हृदय हमारे शरीर का ऐसा अंग है जो लगातार पंप करता है और पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को संचालित करता है। हृदय संचार प्रणाली के मध्य में होता है और धमनियों और नसों जैसी रक्त वाहिनियां अशुद्ध रक्त को शरीर के हर भाग से हृदय तक ले जाती हैं और शुद्ध रक्त को हृदय से शरीर के हर भाग तक पहुंचाती हैं। इस अवसर उपमुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजेश गौतम, डॉ. संतोष राणा, एनसीडी क्लीनिक के डा. अंशुमान सिंह, नेत्र, मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. विजित जायसवाल, फिजियोथेरेपी विशेषज्ञ डा. रियाजुल हक़, जिला सलाहकार पुनीत शर्मा, लैब टेक्नीशियन संतोष सिंह, एनसीडी सेल से डीईओ मोहम्मद हारून, फहीम अहमद, शरद श्रीवास्तव, मनीष कुमार के साथ-साथ आशा और एएनएम भी मौजूद रही।
कोई टिप्पणी नहीं